पाकिस्तान की साजिश, पहलगाम में नरसंहार
पहलगाम में आतंकियों द्वारा की गई पर्यटकों की हत्याएं जितनी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है, इनके पीछे से झांकती जहरीली मानसिकता उतनी ही खतरनाक है। इस चुनौती का शीघ्र और मुंहतोड़ जवाब देना बहुत जरूरी है।
- जितेन्द्र बच्चन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की इस कायरना हरकत ने एक बार फिर पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। मंगलवार, 22 अप्रैल को 26 बेकसूर लोगों की हत्या से जहां गमजदा हैं लोग, वहीं पूरे देश में गुस्सा का उबाल भी देखा जा रहा है। हर भारतीय का खून खौल उठा है। दुनिया भर के सैलानियों में दहशत है। यह भी सच है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों से कहीं न कहीं कोई चूक हुई है लेकिन दहशतगर्दों, तुम इतना याद रखना कि आंतक का कोई धर्म और मजहब नहीं होता। पाकिस्तान में बैठकर हिंदुस्तान की जन्नत में जो खूनी मंजर को अंजाम देने की साजिश रची गई है, उसका पूरा हिसाब देना होगा। रक्षा मंत्रालय की बैठक में सेनाओं के चीफ ने पहलगाम में मारे गए बेगुनाहों का बदला लेने की योजना बना ली है।
नाम और धर्म पूछकर नरसंहार करने वाले बहसी दरिंदों, तुम्हरी उम्र अब ज्यादा नहीं बची है। तुमसे पहले एक से बढ़कर एक आतंकी खुद को शूरमा समझते थे पर उनका हश्र क्या हुआ, आज पूरी दुनिया के सामने है। खुद को खुदा मानने वाला हिजबुल्ला चीफ हसन नसरुल्लाह जमीदोज हो गया। ओसामा बिन लादेन इस्लामी नवजवानों को गुमराह कर जेहादी बनाता था और पूरी दुनिया पर हुकूमत करने का ख्वाब देखता था। क्या हुआ, अमेरिका ने उसके चीथड़े उड़ा दिए। कसाब, अभी क्या उम्र थी उसकी, तुम्हारे जैसा ही जोश में होश खो बैठा था। इस मुल्क के कानून ने उसे फांसी पर लटका दिया और 26/11 मामले से ही जुड़ा तहव्वुर राणा अब हमारी जेल में सीखचों के पीछे अपनी जान की भीख मांग रहा है। रही बात आतंकी हाफिज सईद की तो देर-सबेर अब उसका भी नंबर आने वाला है।
तहव्वुर राणा पर याद आया, उसकी गिरफ्तारी से आतंकी संगठनों व पाकिस्तान में खलबली मच गई। उधर जम्मू-कश्मीर में 370 हटाने के बाद से आतंकियों का लगातार सफाया हो रहा है। हर दिन एक-एक कर आतंकी संगठन और उसके आकाओं पर शिकंजा कसता जा रहा है। पाकिस्तान जो इन आतंकियों और उनके संगठनों को शरण देता है, उसकी अंदुरूरनी हालत खस्ताहाल है। पिछले हफ्ते इसी बौखालहट में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर को ‘गर्दन की नस’ बताते हुए आग में घी डालने वाला बयान दिया था। उन्होंने दोहराया था कि पाकिस्तान कश्मीर को कभी नहीं भूल सकता। ऐसे में पहलगाम की यह आतंकी घटना जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ रहे आतंक को जिंदा रखने की एक पाकिस्तान नापाक चाल है? इस हमले से पाकिस्तानी सरकार और फौज की कोशिश है कि देश में मची उथल-पुथल से आम लोगों का ध्यान भटकाया जाए और वैश्विक स्तर पर भी कश्मीर मुद्दे को जिंदा रखा जाए।
यही कारण है कि पहलगाम के मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में पर्यटकों, खासकर हिन्दुओं को तब निशाना बनाया गया, जब अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे और पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर गए हुए थे। आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेकर आतंकी संगठन टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के खतरनाक आंतकी सज्जाद गुल ने पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश की पुष्टि भी कर दी है। लानत है पाकिस्तान! सज्जाद ने पाकिस्तान में ही शरण ले रखी है और भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने उस पर कई साल से बड़ा इनाम घोषित कर रखा है। सज्जाद दहशतगर्द हाफिज सईद का दायां हाथ माना जाता है।
बुधवार, 23 अप्रैल को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आंतकियों के नाम भी जारी कर दिए हैं। ये जल्लाद हैं- आसिफ फौजी, सुलेमान शाद और अबू तलहा। आतंकी हमले में जो 17 लोग घायल हुए हैं और चश्मदीद रहे हैं, उनके आधार पर इन दहशतगर्दों के स्केच जारी करते ही चार आतंकियों का चेहरा बेनकाब हो गए है। पांच से सात आतंकियों ने अंजाम दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सउदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर देश लौट आए हैं। मोदी ने गुरवार, 24 अप्रैल को कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम में पहुंचकर बहुत भारी मन से अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है, “इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” सुन लो दहशतगर्दों! इन बेकसूर पर्यटकों की हत्या का बदला भारत जरूर लेगा। तब कांप उठेगा तुम्हारा पाकिस्तान और तुम्हारी जगह जहन्नुम में होगी।