कुशल चिकित्सक बनने के लिए इच्छाशक्ति जरूरी
एक कुशल डॉक्टर होने के साथ-साथ अच्छे व्यक्तित्व के धनी और सामजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना गाजियाबाद के डॉ. एम. के. सिंह की पहचान है। इन्हीं कई मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन ने बुधवार, 18 जून 2025 को फ्लोरेंस अस्पताल के डायरेक्टर चेंबर में उनसे बातचीत की। आप भी जानिए उनकी खूबियां-
डॉक्टर को मरीज ही नहीं भगवान समझते, समाज भी इन्हें ईश्वर का ही दर्जा देता है। हमारे आसपास ऐसे बहुत से उदाहरण हैं, जब डॉक्टर ने मरीज को नई जिंदगी दी हो। एक डॉक्टर मरीज को ठीक करने के लिए दिन-रात एक कर देता है। गाजियाबाद के डॉ. एम. के. सिंह उन्हीं में से एक हैं। एक कुशल चिकित्सक होने के साथ-साथ अच्छे व्यक्तित्व के धनी और सामजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना आपकी पहचान है। इन्हीं कई मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन ने बुधवार, 18 जून 2025
को फ्लोरेंस अस्पताल के डायरेक्टर चेंबर में डॉ. एम. के. सिंह से बातचीत की। प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश:
आप डॉक्टर ही क्यों बने?
हमारी शुरू से ही सेवाभाव की भावना रही। डिग्री लेकर डॉक्टर तो कोई भी बन सकता है लेकिन एक अच्छा चिकित्सक आप तभी बन सकते हैं जब अंदर से इच्छाशक्ति हो। आप को तो पता है, कोविड के समय में कई डॉक्टरों ने अपना क्लीनिक तक बंद कर दिया था। कोविड के मरीज को हाथ लगाना तो दूर, उनसे बात तक नहीं करते थे। जबकि हम 25 से 30 मरीज रोजाना देखते थे। कुछेक तो ऐसे मरीज होते थे जिनके उपचार के साथ-साथ उनके परिवार के लिए राशन-पानी की भी व्यवस्था हमने की है। एक डॉक्टर कभी रिटायर नहीं होता।
क्या एक मरीज के प्रति दवा से ज्यादा डाक्टर का व्यवहार उसे स्वस्थ करने में सहायक होता है?
जी, जाहिर-सी बात है। एक डॉक्टर को अपने मरीज की अच्छी देखभाल करना बहुत ज़रूरी है। यह न केवल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह डॉक्टरी पेशे का एक नैतिक दायित्व भी है। इसलिए हर डाक्टर को मरीजों के साथ सहानुभूति और सम्मान से पेश आना चाहिए।
बरसात का मौसम आ गया है। ऐसे में संक्रमण ज्यादा होता है। क्या सलाह देंगे?
बरसात का मौसम जहां गर्मी से राहत देता है, वहीं स्वास्थ्य संबंधी कई चुनौतियां लेकर भी आता है। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, लेप्टोस्पाइरोसिस, टाइफाइड, हैजा, वायरल बुखार, हेपेटाइटिस ए, इन्फ्लूएंजा (फ्लू) आदि से लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं। इस मौसम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। नमी से बचाव करें। लेकिन खुद से किसी बीमारी का निदान न करें और ओवर-द-काउंटर दवा लेने से भी बचें। अगर आपको किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
तब भी बीमारियां हैं कि पीछा नहीं छोड़ती! आखिर क्या कारण है?
इसका एक मुख्य कारण है हमारी बदलती जीवनशैली। हम शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। हमारे खानपान की आदतें ठीक नहीं हैं। व्यायाम कभी नहीं करते हैं। किसी न किसी प्रकार का तनाव होता है और कुछ मामलों में आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं। मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियां आजकल सामान्य होती जा रही हैं।
आखिर हम इन बीमारियों से कैसे बच सकते हैं?
इन बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप हमेशा हर मामले में जागरूक रहें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, जैसे कि संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना और तनाव से दूर रहना। नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं और किसी भी बीमारी के लक्षणों को अनदेखा न करें।
आजकल लोग मोबाइल से भी बीमार हो जा रहे हैं। क्या सलाह देंगे?
हर 15 मिनट में मोबाइल देखने से ब्रेक लें। मोबाइल का प्रयोग करते समय अपनी पीठ सीधी रखें और आंखों के स्तर पर मॉनिटर रखें। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के बजाय, कूल्हे और कमर का अनुपात देखें, यह जोखिम कारकों को समझने में मदद करता है। वजन कम करें। व्यायाम करना दिनचर्या में शामिल करें। गर्दन और पीठ दर्द से बचने के लिए मोबाइल का उपयोग करते समय गर्दन को हमेशा सीधा रखें, बीच-बीच में ब्रेक लें और सोने के लिए सही तकिया का उपयोग करें।
आप फ्लोरेंस अस्पताल संचालित करते हैं। सरकार या गाजियाबाद जिला प्रशासन से कोई शिकायत है आपको?
नहीं। हमारा मानना है कि अगर आप अच्छा और सही काम कर रहे हैं तो सरकार कभी किसी को डिस्टर्व नहीं करती। फ्लोरेंस अस्पताल स्वास्थ्य से जुड़े सभी नियम-कानून का पालन करता है। हर मानक के तहत हमारा काम होता है।
एक आखिरी सवाल! पिछले दिनों आपके अस्पताल को ‘एक्सीलेंस अवार्ड्स
2025’ से नवाजा गया। कैसा महसूस करते हैं, आप?
देश की प्रतिष्ठित संस्था ‘समाज कल्याण फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ने यह सम्मान दिया है। हमारे लिए सम्मानित होना गौरव की बात है। चिकित्सक या अस्पताल कोई भी हो, इस तरह के सम्मान से मनोबल बढ़ता है। उन्हें और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। यह अवसर जीवन में बार-बार नहीं आता। हमारे लिए यह एक यादगार क्षण था। ‘एक्सीलेंस अवार्ड्स
2025’ जैसा सम्मान पाकर हम अभिभूत हैं।