रविवार, 4 अगस्त 2013

सियासत और सेक्स स्कैंडल


कत्ल. सेक्स. ठगी केरल के सोलर घोटाले में किसी बड़े स्कैंडल के तमाम पहलू हैं। प्रदेश और केंद्र के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत यूडीएफ के कई नेताओं को सरिता के सैकड़ों फोन करने की ही तर्ज पर अब राज्य के गृह मंत्री तिरुवंचुर राधाकृष्णन और केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री कोडिकुन्निल सुरेश की शालू से दोस्ती ने राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। इनसे निबटना मुख्यमंत्री ओमन चांडी की 24 महीने पुरानी सरकार के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।




सत्तारूढ़ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के साथ गहरे संपर्क रखने वाली सरिता एस. नायर (35) की गिरफ्तारी के महीने भर बाद 5 जुलाई को उतने ही गहरे सियासी संपर्कों वाली एक डांसर-एक्ट्रेस शालू मेनन (28) को घोटाले से जुड़े एक और मामले में धर-दबोचा गया। दोनों ही घोटाले के पहले आरोपी बीजू राधाकृष्णन (38) की सहयोगी थीं। बीजू को 17 जून, 2006 में हुई अपनी बीवी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 5 जुलाई को कारोबारी आर. श्रीधरन नायर के इस खुलासे के बाद चांडी भी घोटाले की लपेट में आ गए हैं कि उसे 9 जुलाई, 2012 को सरिता मुख्यमंत्री कार्यालय लेकर गई थी। वहां चांडी ने नायर को बीजू और सरिता की फर्जीवाड़ा करने वाली फर्म टीम सोलर रिन्यूएबल एनर्जी सोल्यूशंस में 40 लाख रु. का इन्वेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया। सरिता के खिलाफ नायर की शिकायत पर मुख्यमंत्री के निजी सहायक तेन्नी जोप्पन को 28 जून को गिरफ्तार कर लिया गया। राज्यभर के लोगों से मिली शिकायतों के आधार पर बीजू और सरिता के खिलाफ 40 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। लोगों का आरोप है कि 2011 से 2013 के बीच उन्हें सोलर पैनल लगाने या केरल और तमिलनाडु में सोलर तथा पवन (विंड) फार्मों (जो कहीं थे ही नहीं) में इक्विटी देने के फर्जी प्रस्तावों के जरिए ठगा गया। घोटाले का खुलासा एर्नाकुलम जिले के एक कारोबारी के. सज्जाद की शिकायत पर 3 जून को सरिता की गिरफ्तारी के बाद हुआ। सज्जाद का कहना था कि सरिता ने सोलर पैनल लगाने के नाम पर उससे 40 लाख रु. ठग लिए हैं। विशेष जांच दल (एसआइटी) के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए. हेमचंद्रन कहते हैं, “गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के खिलाफ स्पष्ट और अकाट्य सबूत हैं।”
खनन और स्टोन क्रैशिंग इकाइयां चलाने वाले श्रीधरन नायर ने फस्र्ट-क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने हलफनामे में कहा कि सरिता उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय उस वक्त ले गई, जब उन्होंने उसे 40 लाख रु. में से 15 लाख रु. की तीसरी किस्त का भुगतान करने से मना कर दिया। 25 लाख रु. देने के एक साल बाद भी सरिता और बीजू ने प्रस्तावित सोलर प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया था। संयोग नहीं है कि नायर पतनमतिट्टा जिले के एक कांग्रेसी नेता हैं। वे कहते हैं, “जब हम मुख्यमंत्री से मिले तो उन्होंने सरिता की साख का जिम्मा लिया और मुझे पलक्कड़ की अपनी फैक्ट्री में एक सोलर पैनल लगाने का काम उसे सौंपने के लिए प्रोत्साहित किया।” विपक्षी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और बीजेपी ने चांडी के इस्तीफा की मांग करते हुए बड़ा अभियान छेड़ दिया है, लेकिन चांडी सभी आरोपों से इनकार करते हुए सिर्फ इतना स्वीकार करते हैं कि श्रीधरन नायर उनसे दो बार मिले थे। उनका कहना है, ‘‘वह मुलाकात तो मगर सिर्फ खनन से संबंधित कुछ मुद्दे मेरी जानकारी में लाने के लिए हुई थी। सोलर मसले से उसका कोई लेना-देना नहीं था।”
चांडी का दावा है कि उन्हें याद नहीं कि नायर के साथ सरिता थीं या नहीं। उन्होंने मुलाकात की सीसीटीवी फुटेज पेश करने से भी मना कर दिया। वे कहते हैं, “मेरे दफ्तर से सिर्फ एक लाइव वेबकास्ट ही होती है और कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता।” उनके सियासी गुरु, केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने उन्हें क्लीन चिट देने में रत्ती भर भी देरी नहीं की। 9 जुलाई को कोच्चि में एंटनी बोले, “सरकार में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। प्रदेश में राजनैतिक संकट नहीं है. जांच चलने दीजिए।”
5 जुलाई को गिरफ्तार की गई शालू मेनन टीवी सीरियल और फिल्मों की ऐक्ट्रेस है और वह तिरुवनंतपुरम क्षेत्र से केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के 64 सदस्यीय सलाहकार पैनल में भी है। उन्हें तिरुवनंतपुरम के एक एनआरआइ कारोबारी रसीत अली की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया। अली का आरोप था कि शालू और बीजू ने तमिलनाडु में विंड फार्म स्थापित करने के नाम पर उनसे 75 लाख रु. ठग लिए।
अप्रैल में शालू के गृह प्रवेश समारोह में शामिल होते हुए गृह मंत्री राधाकृष्णन और केंद्रीय मंत्री सुरेश की तस्वीरें स्थानीय मीडिया में प्रकाशित हुई थीं। राधाकृष्णन कहते हैं, “यह दूसरे आयोजनों की ही तरह था। मैं हर साल ऐसे हजारों कार्यक्रमों में हिस्सा लेता हूं। मैं शालू को नहीं, सिर्फ उसके दादा को जानता था, जो थिएटर की एक जानी-मानी हस्ती थे।” केंद्रीय मंत्री सुरेश 2012 में शालू को सीबीएफसी के सलाहकार पैनल में नामित करने की बात स्वीकार करते हैं। वे कहते हैं, “ऐसा मैंने एक नृत्यांगना और अभिनेत्री की प्रतिष्ठा के आधार पर किया था।”
पिछले साल शालू ने अपने जयकेरल डांस स्कूल की सात शाखाएं खोलीं और इस साल कोट्टायम के अपने पैतृक गांव चंगनशेरी में एक हवेली का निर्माण करवाया। बीजू के साथ उसके संबंध कोई राज नहीं थे, क्योंकि उन्हें अकसर सार्वजनिक रूप से एक साथ देखा जाता था। बीजू की गिरफ्तारी के बाद शालू ने मीडिया को बताया कि उसने उससे भी 20 लाख रु. ठग लिए थे, लेकिन पुलिस के दावे के मुताबिक, बाद में उसने कुबूल कर लिया कि वह बीजू की सहयोगी थी और उससे शादी करने की उसकी योजना थी। इस बीच सरिता के फोन कॉल डिटेल से पता चला है कि मंत्रियों के निजी स्टाफ के सदस्यों के अलावा वह यूडीएफ के 30 से ज्यादा बड़े-बड़े नेताओं के संपर्क में थी। इनमें दो केंद्रीय मंत्रियों समेत छह मंत्री, दो सांसद, आठ विधायक और ऐसे अन्य कई लोग शामिल हैं। ज्यादातर फोन सरिता ने खुद किए थे, लेकिन कम से कम आठ फोन सरिता को किए गए थे। इनमें से तीन फोन मंत्रियों ने किए थे।
गृह मंत्री राधाकृष्णन सफाई देते हैं, “मैंने एक अनजाने फोन नंबर से मिस्ड कॉल मिलने के बाद ही उसे फोन किया था।” सरिता के फोन पर उससे बात करने वालों में से एक, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रमेश चेन्नीथला कहते हैं कि सार्वजनिक जीवन में होने की वजह से वे किसी को उन्हें फोन करने से मना नहीं कर सकते। 2006 में बीजू के कथित तौर पर अपनी बीवी की हत्या कर देने के बाद से तलाकशुदा सरिता उसके साथ ही रह रही थी, मगर सरिता की गिरफ्तारी के बाद बीजू ने बताया कि विधायक केबी गणेश कुमार के साथ उसके कथित अवैध संबंधों की वजह से वे दोनों अरसा पहले एक-दूसरे से मुंह मोड़ चुके थे। गणेश कुमार को अपनी बीवी के इस आरोप के बाद वन मंत्री की कुर्सी छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा था कि उनके पति के किसी अज्ञात महिला के साथ नाजायज ताल्लुकात कायम हैं।
इस मामले की न्यायिक या सीबीआइ जांच कराने के लिए विभिन्न अदालतों में पीआइएल दाखिल करने की वजह से चांडी और यूडीएफ पर दबाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं दिख रही। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य कोडियरी बालाकृष्णन चुटकी लेते हुए कहते हैं, “जब आलाकमान की अगुवाई वाली केंद्र सरकार खुद इससे सैकड़ों गुना ज्यादा घोटालों में गले तक डूबी हो, तो वह इसमें हस्तक्षेप कैसे कर सकती है?”

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