शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

सूबे में शानदार जीत हासिल करेगी सपा



आमने-सामने
59 वर्षीय मदन चौहान का पैतृक गांव मदारपुर जिला मेरठ है। गढ़मुक्तेश्वर उनका कार्यक्षेत्र रहा। इधर करीब 25 साल से नोएडा की राजनीति में भी सक्रिय हैं। उनकी जनसेवा देखकर और वेस्ट यूपी में बढ़ती मदन चौहान की लोकप्रियता को सपा सुप्रीमो भी नजरअंदाज नहीं कर पाए। पार्टी हाईकमान ने 31 अक्टूबर को मनोरंजन कर राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलवाकर इनका कद और बढ़ा दिया। सपा को इससे दो फायदे होंगे, पहला यह कि पार्टी की ठाकुर वोट बैंक पर पकड़ मजबूत होगी और दूसरा युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जानते हैं कि मिशन-2017 को सफल बनाने के लिए वेस्ट यूपी में मदन चौहान से बेहतर और कोई दूसरा प्रतिनिधि नहीं हो सकता है।


मेरठ कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले गढ़ के विधायक मदन चौहान करीब 25 साल पहले नोएडा आए थे। अब यहां के सेक्टर-26 के निवासी हैं। प्रॉपर्टी और ट्रांसपोर्ट के कारोबार से भी जुड़े रहे। सामाजिक कार्यों में सक्रियता 
बढ़ती गई, फिर कांग्रेस से जुड़ गए। 1996 में वह पहली बार गढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, लेकिन 2002 में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। विधानसभा क्षेत्र गढ़ ही रहा और चुनाव में शानदार विजय हासिल की। इसके बाद मदन चौहान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जनसेवा के साथ लगातार वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत की हैट्रिक लगाई। अब सरकार में मनोरंजन कर राज्य मंत्री हैं। सामने मिशन-2017 की चुनौती है तो पीछे पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों ने उनसे बहुत-सी उम्मीदें लगा रखी हैं। क्या जनता और सपा सुप्रीमो की कसौटी पर वे खरा उतर पाएंगे? क्या क्षेत्र के विकास को रफ्तार मिलेगी? कार्यकर्ताओं में बढ़ती गुटबाजी को विराम मिलेगा आदि जैसे कई मुद्दों पर मनोरंजन कर राज्य मंत्री मदन चौहान से जितेन्द्र बच्चन ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके मुख्य अंश:

-वेस्ट यूपी में सपा की नजर ठाकुर वोट बैंक पर है। क्या यही वजह है कि सीएम अखिलेश यादव ने आपको मंत्रिमंडल में शामिल किया है?
मुख्यमंत्री जी का अपना अधिकार है। वे कब क्या निर्णय लेते हैं, वही जानें। हम तो महज इतना जानते हैं कि समाजवादी पार्टी कभी धर्म और जाति की राजनीति में यकीन नहीं करती। समाज का कोई भी वर्ग हो, कोई भी जाति हो, सभी का उत्थान होना चाहिए। प्रदेश के हर कोने का विकास होना चाहिए। गरीबी, अशिक्षा और जहालत खत्म करना पार्टी और सरकार दोनों का मुख्य मिशन है ...और करीब साढ़े चार दशक बाद गंगानगरी को मंत्री पद मिला है तो इसमें गलत क्या है। सियासत का चश्मा उतारकर देखिए तो इसमें वेस्ट यूपी का ही लाभ है। स्वतंत्र प्रभार देने के लिए क्षेत्र के लोगों ने सीएम का आभार भी जताया है।

-अपनी राजनीतिक समझ और सूझबूझ से पार्टी में पकड़ बरकरार रखने में तो आप कामयाब रहे, लेकिन मंत्री बनने के बाद आपके समर्थकों और क्षेत्र के लोगों की अपेक्षा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में पार्टी हाईकमान की कसौटी पर खरा उतरना एक चुनौती नहीं है?
जनता की अपेक्षा और पार्टी हाईकमान की कसौटी पर खरा उतरना वाकई एक चुनौती है, लेकिन जनता का सहयोग करना और क्षमता के अनुसार उनके लिए लड़ाई लडऩा ही हमारा प्रथम कर्तव्य है। आखिर जनहित के लिए हमें मंत्री पद नवाजा गया है। नि:संदेह हम पार्टी और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। क्योंकि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और जनता से जुड़कर काम करने में यकीन रखता हूं।

-ब्रजघाट का विकास होगा?
हमने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूं कि ब्रजघाट का हरिद्वार की तर्ज पर विकास करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। इसके अलावा स्वच्छता अभियान को गति दिलाना, उच्च शिक्षा के संसाधन मुहैया कराना, बेहतर चिकित्सा सेवा और युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का भी हम पूरा प्रयास कर रहे हैं। एक बात और हम कहना चाहते हैं- हर काम समय के मुताबिक ही होता है। पार्टी के लिए पूरी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से काम करना हमारा पहला दायित्व है। पार्टी हाईकमान की ओर से जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, हम उसे बखूबी निभाने का प्रयत्न करेंगे।

-वेस्ट यूपी में कद्दावर नेता की जरूरत और ठाकुर समुदाय के प्रतिनिधित्व को देखते हुए मदन चौहान को मंत्रिमंडल में जगह तो मिल गई, लेकिन प्रदेश में हुए दंगे और बढ़ती दबंगई की घटनाओं से लगता नहीं कि मिशन-2017 में सपा को फिर सफलता मिलेगी?
दंगे कौन कराता है, सभी जानते हैं। बेनकाब हो चुकी हैं पार्टियां और उनके सांसद-विधायक। अब उत्तर प्रदेश में पूरी तरह अमन-चैन है। सपा के शासनकाल में प्रदेश दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में मंत्रिमंडल उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश में फिरकापरस्त ताकतों को मुंह की खानी पड़ी है। सरकार, समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश की अवाम जनहित कार्यों से इत्तेफाक जताते हुए सपा के पक्ष में अपनी राय जता रही है। मिशन-2017 के चुनावों में सपा को भारी सफलता मिलेगी। सूबे में शानदार जीत हासिल करेगी समाजवादी पार्टी और प्रदेश को देश के सभी सूबों से विकासशील राज्य का दर्जा प्राप्त होगा।

-पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष है? सपाईयों के बीच चल रही आपसी गुटबाजी के चलते सरकार की सुविधाओं का पूरा लाभ वहां तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिन्हें जरूरत है?
कोई गुटबाजी नहीं है। सपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसमें सभी कार्यकर्ताओं को बराबरी का दर्जा मिलता है। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के साथ-साथ प्रदेश को भी एकता के सूत्र में पिरोए हुए हैं। उनकी कुशल कार्यशैली के बूते उत्तर प्रदेश में अमन-चैन का माहौल है तथा दबे-कुचले, पिछड़ों को सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ पहुंच रहा है। जिनकी जमीनी पकड़ नहीं है और वे धर्म-जाति की राजनीति करने में यकीन रखते हैं, वही हमारे कार्यकर्ताओं को भी तोडऩे की कोशिश करते हैं। असंतोष की बात फैलाते हैं। हमारे सभी कार्यकर्ता हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। पूरी एकता के साथ हम लोग पार्टी और सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

-क्या मंत्री बनवाने में सपा के पूर्व महासचिव अमर सिंह का आशीर्वाद प्राप्त है?
अमर सिंह जी से हमारा नाम जोडऩा गलत है। पिछले चार साल में न तो हम अमर सिंह से मिले हैं और न ही हमारी इस बीच कभी फोन पर कोई बात हुई है। हमें पार्टी से टिकट हमेशा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव की मेहरबानी से मिला है। अमर सिंह से हमारी उतनी ही दूरी है जितना पार्टी की है।

-मनोरंजन कर की वसूली में लापरवाही बरती जाती है। अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार व्याप्त है?
हमारे बीच भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। हमने सख्त आदेश कर रखा है कि प्रदेश में मनोरंजन कर की वसूली में सक्रियता लाई जाए। तीन दिन पहले भी अधिकारियों के साथ बैठक कर वसूली में सक्रियता लाने के साथ 
निष्ठापूर्वक काम करने का निर्देश दिया है। हम इस तरह का प्लान तैयार कर रहे हैं कि लोगों को सस्ता मनोरंजन भी मुहैय्या हो और सरकार को अच्छा राजस्व भी मिले।

20 हजार का लग सकता है अर्थदंड
उत्तर प्रदेश में अब नए साल का जश्न मनाना आसान नहीं होगा। घर में जश्न मना रहे हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन यदि आप नववर्ष की पूर्व संध्या पर होटलों, क्लबों, वाटर पार्कों, रिर्सोटस, मनोरंजन पार्कों, रेजीडेंट कॉलोनियों या अन्य स्थानों पर मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं तो आप पर मनोरंजन विभाग की नजर रहेगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मनोरंजन कर राज्य मंत्री मदन चौहान ने विभाग के समस्त अधिकारियों तथा जिलाधिकारियों को इस संबन्ध में निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने आयोजकों को ऐसे मनोरंजक 
कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। बिना अनुमति के आयोजित कार्यक्रमों के आयोजकों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। करीब 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी वसूला जा सकता है।

मजबूती के पीछे बड़ा संघर्ष
वर्तमान में मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर और गाजियाबाद आदि की 42 विधानसभा सीटों में से छह ही पार्टी के विधायक हैं और मदन चौहान पहली बार सबसे मजबूत स्थिति में पहुंचे हैं। इसके पीछे उनका संघर्ष भी रहा है। गढ़ विधानसभा सीट किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जनाधार वाली सीट थी। बाद में राम मंदिर लहर चली तो बीजेपी की टॉप टेन सीटों में शामिल हो गई, लेकिन सपा प्रत्याशी के तौर पर मदन चौहान ने 2002 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राम नरेश रावत को पराजित कर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया। उस दौरान उन्हें 43,808 वोट मिले थे, जबकि भाजपा को महज 36,364 मत हासिल हुए। इसके बाद पिछले चुनावों में बसपा प्रत्याशी हाजी शब्बन को हराकर चौहान ने शानदार जीत दर्ज कराई। 

मुख्यमंत्री ने निभाया वादा
मदन चौहान गढ़ सीट पर तीसरी बार जीते तो 25 फरवरी 2012 को एक जनसभा में राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि वे अब इस क्षेत्र को जल्द ही लाल बत्ती से नवाजेंगे। मदन चौहान कहते हैं, देर से ही सही पर सीएम ने अपना वादा पूरा किया।

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